Sunday, February 23, 2014

“आम आदमी पार्टी” व् केजरीवाल के दोहरे मापदंड

आजकल केजरीवाल अंबानी को बड़ी गालियाँ दे रहे हैं, और उसी की आढ़ लेकर मोदी से प्रश्न कर भाजपा पर निशाना साधने का प्रयत्न कर रहे हैं किन्तु मैं पूछना चाहूँगा की अम्बानी कौन है ? कोई माओवादी है क्या ? कोई नक्सली है क्या ? कोई पाकिस्तान समर्थक है क्या ? कोई विदेशी संगठन का एजेंट है क्या ? पाकिस्तानी एजेंसी ISI का समर्थक है क्या ISI से पैसा लेता है क्या ? कश्मीर भारत से अलग करने की बात करता है क्या ? कोई सड़कछाप अपराधी है क्या? और यदि केजरीवाल के पास अंबानी के अपराधों के इतने ही साक्ष्य व् प्रमाण उपलब्ध है तो न्यायालय में जाकर केस क्यों नहीं कर देते ? उनकी पार्टी में तो एक से एक बड़े वकील व् कानूनविद भरे पड़े हैं ?

हो सकता है की अपने उद्योग को बढ़ाने के लिए कोई अनुचित निर्णय अंबानी ने लिए हों, मैं उसका समर्थन नहीं करता, और मेरे अनुसार यदि अपराध किया है तो उसे उसका दंड भी मिलना चाहिए,  किन्तु दंड देने का अधिकार न्यायालय को है!

किन्तु क्या इस बात को झुठलाया जा सकता है अंबानी जैसे उद्योगपतियों के कारण आज देश में करोड़ों लोगों को रोजगार मिला हुआ है? आज अंबानी जैसे उद्योगपतियों की वजह से पढ़े-लिखे सुशिक्षित युवाओं को ढंग की सैलरी मिल पा रही है अन्यथा सरकार ने तो जातिगत आरक्षण लागु कर युवाओं के पेट पर लात मारने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, यदि उद्योगपति न होते तो ये युवा कहाँ जाते ? किसके आगे हाथ फैलाते ? 

अब बात करते है केजरीवाल की और उनकी नीतियों व् पार्टी के लोगों की,


  • “आप” की शाजिया इल्मी ३ वर्षों तक पत्रकार रहीं हैं और उनकी घोषित सम्पत्ति 32 करोड़ की है, क्या केजरीवाल उनसे पूछेंगे की तीन वर्षों में शाजिया ने इतना धन कैसे और कहाँ से कमाया? यदि नहीं तो क्यों नहीं ?  
  • “आप” ने कमल मित्र चिनॉय को पार्टी का सदस्य बनाया जो की पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI से धन लेकर कश्मीर पर पाकिस्तान के दृष्टिकोण का समर्थन करने वाली सेमिनार में जाकर पाकिस्तान के पक्ष में बोलते थे, और नक्सल समर्थक है वाही नक्सली जो असंख्य निर्दोषों की बर्बरता पूर्वक हत्याएं कर चुके हैं.  
  • “आप” की सदस्य अंजलि दमानिया मीडिया में कहती हैं की उनकी पार्टी में दाउद इब्राहीम जैसे आतंकवादी और अरुण गवली जैसे माफिया का स्वागत है, यही अंजलि दमानिया स्वयं किसानों की कृषि भूमि कौड़ियों के दाम पर खरीद कर उसे बाजार भाव पर बेचकर करोड़ों कमाती हैं, 
  • “आप” ने बस्तर से सोनी सोरी को टिकट दिया है जो की एक नक्सली है, कई निर्दोषों की हत्या की आरोपी है, और उसके ऊपर राष्ट्र के विरुद्ध देशद्रोह और राष्ट्र के विरुद्ध युद्ध छेड़ने जैसे गंभीर मुक़दमे हैं, 
  • “आप” सार्वजानिक रूप से खाप पंचायत का समर्थन करती है, वही खाप पंचायतें जो असंवैधानिक है और महिलाओं से सामूहिक बलात्कार करने जैसे फरमान देती रहीं है, 
  • “आप” कहती है की दिल्ली में कालेजों की 90% सीटें केवल दिल्ली के निवासियों के लिए आरक्षित होंगी, यह छेत्रवाद व् भेदभाव नहीं तो और  क्या है ? क्या केजरीवाल व् "आप" इसे राष्ट्रिय सोच की संज्ञा देते  है? 
  • “आप” व् केजरीवाल इमाम बुखारी की शरण में जाकर उनसे समर्थन मांगते हैं, जो की पाकिस्तान समर्थक ही नहीं बल्कि इमाम बुखारी सार्वजानिक रूप से ये कह चुके हैं की वह ISI एजेंट है, 
  • “आप” अपना प्रचार करने के लिए निर्दोष निरपराध हिन्दुओ के हत्यारे व् बरेली दंगों के सूत्रधार तौकीर रजा को बुलाकर उनसे समर्थन मांगते हैं, और अपना प्रचार करवाते हैं, क्या यह "आप" के सर्वधर्म सम्भाव का उदाहरण है? 
  • “आप” के ऊपर विदेश से मुख्यतः पाकिस्तान व् अमेरिका द्वारा अवैध रूप से धन प्राप्त करने का केस उच्च-न्यायलय में चल रहा है क्या इसपर केजरीवाल कुछ कहेंगे?

अतः जनता को सोच समझकर निर्णय लेना चाहिए की वह किसका समर्थन करें... राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों से भरी पार्टी का या राष्ट्र के प्रति समर्पित पार्टी का !!            

अन्ना के अनुसार किसी व्यक्ति की शुचिता के मानक क्या है?


क्या मैं यह प्रश्न करने की धृष्टता कर सकता हूँ की अन्ना हजारे के अनुसार किसी की शुचिता व् ईमानदारी के मानक क्या हैं? यह प्रश्न लोगों को अनुचित लग सकता है किन्तु लोकतंत्र में अन्य लोगों के समान मुझे भी अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार तो है ही, किन्तु उसके पूर्व मैं यह अवश्य स्पष्ट कर देना चाहता हूँ की मैं निजी रूप से अन्ना हजारे का पूरा सम्मान करता हूँ, किन्तु मैं यह अवश्य जानना चाहता हूँ की क्या उनके अनुसार किसी व्यक्ति की ईमानदारी व् शुचिता की परिभाषा क्या मात्र आर्थिक ईमानदारी तक सीमित है ? क्या अन्ना की शुचिता की परिभाषा में नैतिक शुचिता का कोई स्थान नहीं ?




  •  बंगाल में मस्जिदों के इमाम व् चर्च के पादरी को ममता सरकार वेतन  देती है, किन्तु मंदिर के पुजारियों को नहीं

  • बंगाल में मुस्लिमों के लिए कई योजनायें चल रही हैं, किन्तु हिन्दुओं के लिए ऐसी कोई सुविधा नहीं है,   भेदभाव क्यों ?

  • ममता सरकार ने विश्व का ऐसा अनूठा चिकित्सालय बनाने का प्रस्ताव दिया था जहाँ केवल मुस्लिमों का   उपचार हो, वो तो चारों ओर से हुई आलोचना से अपने पग पीछे खींचने पड़े

  •  ममता सरकार बंगलादेशी घुसपैठियों व् बर्मा के रोहिंगियाई मुस्लिमों के विरुद्ध कोई कार्यवाही क्यों नहीं   करती जबकी ममता भली प्रकार जानती हैं की ये लोग अवैध रूप से बंगाल में रहकर बंगाल के   मूल निवासियों के अधिकारों का दोहन कर रहे हैं

  •  बंगाल में इस्लामिक कट्टरपंथता बढती जा रही है , डेढ़ वर्ष पूर्व बंगाल में मुस्लिमों द्वारा हिन्दुओं के गाँव   पर किये गए आक्रमण व् हिन्दुओं के लगभग २०० घरों व् अन्य सम्पत्ति को जला देने के विषय   में आरोपियों के विरुद्ध ममता सरकार ने क्या कार्यवाही की है?

  • क्या अन्ना बंगाल में हुए 2500 करोड़ के शारदा चिटफंड घोटाले से अनभिग्य हैं ? जिसमें ममता बनर्जी के १३ नेताओं का नाम आया था जिनमें कुनाल घोष, मुकुल रॉय, टूटू बोस, उनके पुत्र श्रीन्जोय व् शौमिक, रजत मजुमदार शुभेंदु अधिकारी, मदन मित्र, कृष्णा चक्रवर्ती, समीर चक्रवर्ती, के.डी सिंह व् आसिफ खान जैसे तृणमूल के मंत्री व् वरिष्ठ सदस्य शामिल हैं और अब तक उनपर ममता बनर्जी ने कोई कार्यवाही नहीं की हैं, और यदि अन्ना इससे अवगत हैं तो क्या वो स्वयं एक भ्रष्ट नेत्री का साथ नहीं दे रहे हैं ? 
अब यदि यह सब बातें सत्य हैं, तो फिर ममता बनर्जी को लोकसभा चुनाव में समर्थन व् ममता के पक्ष में प्रचार क्यों ? क्या अन्ना इससे अनभिग्य हैं की बंगाल में ममता सरकार मुस्लिम और हिन्दुओं में प्रत्यक्ष रूपसे भेद भाव करती है ? किन्तु यदि अन्ना हजारे के लिए व्यक्ति की नैतिक शुचिता का कोई महत्व नहीं केवल हवाई चप्पल पहनना व् आर्थिक रूप से इमानदार होना ही सबकुछ है, भले ही वह राजनितिक स्वार्थ हेतु धार्मिक आधार पर भेदभाव करता हो तो अलग विषय है….

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...