मैं इस देश का सामान्य सा मिडिल क्लास नागरिक हूँ, किसी पार्टी या नेता से कोई सम्बन्ध नहीं है, न ही किसी दक्षिणपंथ की ओर झुकाव है न ही वामपंथ की ओर, हाँ भारतीय राजनीति व् इतिहास को अवश्य बारीकी से अध्ययन किया है, और उसीके सबक मेरे दृष्टिकोण और विचारों के स्तम्भ है,
मुग़ल आक्रांताओं को पढ़ा है उनके अत्याचार पढ़े हैं, मुग़लों द्वारा वैदिक धर्म के करोड़ों अनुयायियों के जनसंहार और सोमनाथ,काशी, मथुरा, अयोध्या जैसे सहस्त्रों धर्मस्थलों का मुग़लों द्वारा किया गया भंजन पढ़ा हैं, अंग्रेजों के शासन को पढ़ा है, गांधी की अपरिपक्व हठधर्मिता व् तर्कहीन अहिंसा पढ़ी है व् छद्म सेक्युलरिज़्म पढ़ा है, सत्ता व् काम लोलुपता से ग्रस्त नेहरू व् इंदिरा को पढ़ा है, युद्ध में विजयश्री को आलिंगनबद्ध करने के पश्चात वार्ताओं में देश की पराजय को पढ़ा है, कांग्रेस का बड़ा पेड़ गिरने पे सिखों पर उसका दुष्परिणाम पढ़ा है, हिन्दू विरोधी सोनिया राज व् कांग्रेस का लूटतंत्र देखा है, शर्म अल शेख का वक्तव्य सुना है, इस्लामिक आतंकियों का महिमामंडन व् हिंदुओं पर मिथ्या आरोप लगाकर उन्हें आतंकी सिद्ध करने का प्रयास देखा है,
कश्मीर, कैराना, केरल, असम, बंगाल में हिंदुओं की दुर्दशा व् नरसंहार देखे है, यूनियन कार्बाइट के एंडरसन जैसे हजारों के हत्यारे को सम्मानपुर्वक छोड़े जाना पढ़ा है, शाहबानो पर न्यायालय के निर्णय को कलंकित करना पढ़ा है, एक देश में दो प्रकार के पर्सनल कानून देख रहा हूँ, एक वर्ग की धार्मिक यात्राओं पर टैक्स व् दूसरे मजहब को मजहबी यात्रा पर सब्सिडी देख रहा हूँ,
दलित की बेटी द्वारा सरकारी खर्च पर बनवायी गयी हजारों करोड़ रुपयों की मूर्तियों व् उसी दलित की बेटी के सैंडल लाने चार्टेड प्लेन का इस्तेमाल देखा है, समाजवाद के नाम पर सैफई महोत्सव की अय्याशियां देखि है, गरीबों के मसीहा द्वारा जानवरों का चारा खा जाना व् उसके बाकि परिवार का भू माफीया वाला रूप देखा है, एक मुख्यमंत्री द्वारा एक महिला आतंकी को राज्य की बेटी घोषित करते भी देखा है, बंगाल के कम्यूनिसटों द्वारा निर्दोषों के रक्त से खेली होलियां भी देखि है और 62 के युद्ध में कम्युनिस्टों द्वारा शत्रु का समर्थन भी पढ़ा है, धर्मनिरपेक्षता के नाम पर घोर साम्प्रदायिकता समर्थन व् अपराधी पक्ष का बचाव व् पीड़ित को दोषी सिद्ध करवाते देखा है, 2जी, कोयला, सैन्य, दामाद जी CWG घोटालों द्वारा जनता का खून चूसते नेता देखे है, आंदोलन के नाम पर निकल कर आये भृष्ट,मक्कार,झूठे, घोटालेबाज धूर्तों को देखा है, देश के लिए प्राण देने वाले सैनिकों को गालियां देते व् उनपर झूठे आरोप मढ़ते देखा है, मुम्बई हमला भी देखा है और सर्जिकल स्ट्राइक भी,
अब यदि कोई एक राजनितिक दल बचता है जो सेना को गालियां नहीं देता उलटे बिना सैन्य हथियारों की खरीद में कोई घोटाला किये, सेना को शीघ्र रक्षा उपकरणों को खरीदने का धन देता है तो वो भाजपा है,
कोई एक दल बचता है जो भारत के मूल निवासी सहिष्णु हिंदुओं,सिखों,बौद्धों,जैन के विरुद्ध दंगे नहीं करवाता, उनके नरसंहार नहीं करवाता तो वो भाजपा है,
यदि कोई एक दल बचता है जो सत्ता में होते हुए भी संघीय ढांचे का सम्मान कर व् संविधान की सीमाओं में रहकर देश को उन्नति पथ पर के जाने को कटिबद्ध है वो भाजपा है,
यदि कोई एक दल है जो मुस्लिम वोटों के लिए हिंदुओं,सिखों,बौद्धों, जैनों के अधिकारों का हनन नही करता वो भाजपा है,
यदि कोई दल है तो कश्मीर से धरा 370 हटाकर उसे भारत के अन्य राज्यों के समतुल्य लाने की बात करता है वो भाजपा है,
भारत के उत्तर पूर्व के विकास व् उसके महत्व को समझने व् उसके उत्थान हेतु ध्यान देने वाला दल भाजपा है,
बंगलदेशी घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने की बात करने वाला दल भाजपा है,
पिछले 14 वर्षों में महंगाई को न्यूनतम स्तर पे लाने वाला, सरकारी खजाने की सब्सिडी की चोरी DBT द्वारा रोकने वाला, विदेशी मुद्रा भंडार में सर्वाधिक वृद्धि करने वाला दल भाजपा है
महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों का देश में निर्माण करवाने का कदम उठाने वाला दल भाजपा है, जीवनरक्षक दवाओं के दाम घटाने वाला दल भाजपा है,
यदि आरक्षण के नाम पर समाज को तोड़ने की राजनीती न करने वाला कोई दल है तो भाजपा है,
माना कि भाजपा अत्यंत रक्षात्मक नीति का पालन कर रही है, गौरक्षकों जैसे व्यर्थ के विषयों पर छद्म अपराध बोध से ग्रसित है, आरक्षण जैसे कुप्रबंध को समाप्त करने में गम्भीर नहीं दिखती, केरल बंगाल में हिंदुओं की दुर्दशा पर राज्य सरकारों को भंग नही करती, धारा 370 पर लीक से हटकर अप्रत्याशित निर्णय नहीं ले रही,
किन्तु क्या देश की किसी भी अन्य मौजूद पार्टी से मैं आशा कर सकता हूँ की वो इन सब निर्णयों को कर देगी, व् भाजपा के समान ही कोई अनैतिक कार्य जैसे तुष्टिकरण, भ्र्ष्टाचार नहीं करेगी ? देश की अर्थव्यवस्था को हानि नहीं होने देगी, एक परिपक्व रक्षा व् विदेश नीति, का पालन करेगी व् संघीय ढांचे व् संविधान के दायरे में रहकर कार्य करेगी, जनहित में कुशल निर्णय लेगी ?
यदि उत्तर है नहीं, तो मैं तब तक भाजपा को वोट देता रहूंगा जब तक वो अपनी इन्ही वर्तमान नीतियों का पालन करती रहती है, अपनी विचारधारा व् एजेंडे में कोई बड़ा देश व् समाज विरोधी बदलाव नहीं करती है, या जब तक भाजपा से अच्छा, सबल व् सशक्त, राष्ट्रवादी राजनीतिक दल नहीं जन्म ले लेता।