कांग्रेस के एक ट्विटर हैंडल ने एक फोटो पोस्ट कर मोदी को चायवाला बोलकर नीचा दिखाने का प्रयास किया क्योंकि कॉंग्रेसियों की समस्या ये है कि वो मानसिक रूप से गांधी परिवार की दासता से ग्रसित हैं, न कोई आत्मसम्मान है न ही देश के प्रति निष्ठा,
यदि कुछ है, तो वो है अपने स्वामी गांधी परिवार की चाटुकारिता की चाह और बदले में पारितोषिक की आस, और ये एक भावना इतनी प्रबल है कि इसके अतिरिक्त कांग्रेसियों को कुछ सूझता ही नहीं है,
70 साल से काँग्रेसी इसी गांधी परिवार की गुलामी पीढ़ी दर पीढ़ी करते रहे हैं, और गांधी परिवार पूरी क्षमता से इस देश को व् जनता को लूटकर अर्जित किया धन का एक अंश अपने इन गुलामों को सदैव उपलब्ध करवाते आया है, इसीलिए देश व् समाज के हितों से इन काँग्रेसी गुलामों का कभी कोई सरोकार नहीं रहा, अतः ये निरंतर न केवल राष्ट्रीय हितों से समझौता करते रहे, अपितु निजी लाभ हेतु बढ़ चढ़ कर देश को अत्यधिक क्षति पहुंचाने का प्रयास करते रहे, कांग्रेसियों को केवल गांधी परिवार द्वारा फेंकी गयी मलाई चाटने व् लूट के एक हिस्से से मिली बोटियाँ चबाने व् चचोड़ने में आनंद आता है, इनका न कोई अपना विवेक होता है व् न ही कोई राजनीतिक निर्णय क्षमता, केवल गांधी परिवार का आदेश ही इनके लिए सर्वोपरि है और ये उस गांधी परिवार को आज भी देश का राजपरिवार समझते हैं, और यदि कोई भी प्रतिद्वंदी गांधी परिवार के सामने आ खड़ा होता है तो ये मानसिक गुलामी से ग्रस्त काँग्रेसी उसपर गन्दे से गन्दे हमले करते हैं और नीचता की पराकाष्ठा का प्रदर्शन करने से नहीं हिचकते,
यदि कुछ है, तो वो है अपने स्वामी गांधी परिवार की चाटुकारिता की चाह और बदले में पारितोषिक की आस, और ये एक भावना इतनी प्रबल है कि इसके अतिरिक्त कांग्रेसियों को कुछ सूझता ही नहीं है,
70 साल से काँग्रेसी इसी गांधी परिवार की गुलामी पीढ़ी दर पीढ़ी करते रहे हैं, और गांधी परिवार पूरी क्षमता से इस देश को व् जनता को लूटकर अर्जित किया धन का एक अंश अपने इन गुलामों को सदैव उपलब्ध करवाते आया है, इसीलिए देश व् समाज के हितों से इन काँग्रेसी गुलामों का कभी कोई सरोकार नहीं रहा, अतः ये निरंतर न केवल राष्ट्रीय हितों से समझौता करते रहे, अपितु निजी लाभ हेतु बढ़ चढ़ कर देश को अत्यधिक क्षति पहुंचाने का प्रयास करते रहे, कांग्रेसियों को केवल गांधी परिवार द्वारा फेंकी गयी मलाई चाटने व् लूट के एक हिस्से से मिली बोटियाँ चबाने व् चचोड़ने में आनंद आता है, इनका न कोई अपना विवेक होता है व् न ही कोई राजनीतिक निर्णय क्षमता, केवल गांधी परिवार का आदेश ही इनके लिए सर्वोपरि है और ये उस गांधी परिवार को आज भी देश का राजपरिवार समझते हैं, और यदि कोई भी प्रतिद्वंदी गांधी परिवार के सामने आ खड़ा होता है तो ये मानसिक गुलामी से ग्रस्त काँग्रेसी उसपर गन्दे से गन्दे हमले करते हैं और नीचता की पराकाष्ठा का प्रदर्शन करने से नहीं हिचकते,
आज समस्या ये है कि एक गरीब परिवार से आया व्यक्ति जो पूर्ण रूप से ईमानदार है जिसने कभी निजी आर्थिक लाभ हेतु कोई अनैतिक कार्य नहीं किया है, जबसे प्रधानमंत्री बना है एक दिन की छुट्टी नहीं ली, तीन वर्ष में एक भी वित्तीय अनियमितता या घोटाला नहीं किया, उस व्यक्ति को चायवाला बोलकर काँग्रेसी अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं, ये दर्शाता है कि इन काँग्रेसी गुलामों का मानसिक स्तर इतना विकृत है कि एक गांधी परिवार के अलावा ये किसी को सम्मान नहीं दे सकते, और जिस प्रकार की शब्दावली का प्रयोग देश के प्रधानमंत्री के लिए किया है तो अनुमान लगाया जा सकता है कि आप और हम जैसे साधारण नागरिक को तो ये मनुष्य नही पशु तुल्य ही समझते होंगे।
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