आज भारतीय सेना ने कश्मीर के अवंतीपुरा में 6 आतंकी ठोके,
इससे भी रोचक बात यह है कि इस बार जब तक सेना और आतंकियों के बीच एनकाउंटर चल रहा था,स्थानीय लोगों द्वारा सेना पर एक भी पत्थर नहीं फेंका गया, न ही कश्मीर का कोई भी "भटका हुआ युवा" एनकाउंटर साइट पर आतंकियों को भागने में सहायता करने आया,
सम्भवतः पिछली बार एनकाउंटर के समय सेना पर पत्तरबाजी करने वालों में से सेना ने 8 पत्तरबाजों को 72 हूरों के पास भेजकर जो सन्देश दिया था वो घाटी में सबको समझ आ गया, और यह भी प्रमाणित हो गया कि लातों के भूत, बातों से नही मानते।
इससे भी रोचक बात यह है कि इस बार जब तक सेना और आतंकियों के बीच एनकाउंटर चल रहा था,स्थानीय लोगों द्वारा सेना पर एक भी पत्थर नहीं फेंका गया, न ही कश्मीर का कोई भी "भटका हुआ युवा" एनकाउंटर साइट पर आतंकियों को भागने में सहायता करने आया,
सम्भवतः पिछली बार एनकाउंटर के समय सेना पर पत्तरबाजी करने वालों में से सेना ने 8 पत्तरबाजों को 72 हूरों के पास भेजकर जो सन्देश दिया था वो घाटी में सबको समझ आ गया, और यह भी प्रमाणित हो गया कि लातों के भूत, बातों से नही मानते।
राष्ट्रपति शासन के कारण आज सेना को जो स्वतन्त्रता मिली हुई है यह उसीका
परिणम है, और आज़ादी के नाम पर निज़ामे मुस्तफा लाने के प्रयास में जो लौंडे
मुजाहिद लगे हुए हैं उनके मन मे सेना का जो डर बना है यह एक बहुत अच्छा
शगुन है तथा भविष्य में भी यह डर बना रहना चहिये।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳
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