मैंने बहुत से लोगों को कहते सुना है कि
"भाजपा व् मोदी ने
⭕️ हिंदुओं के लिए कुछ नहीं किया है,
⭕️ हिंदुत्व के लिए कुछ नहीं किया है
⭕️ राममंदिर के लिए कुछ नहीं किया है
"भाजपा व् मोदी ने
⭕️ हिंदुओं के लिए कुछ नहीं किया है,
⭕️ हिंदुत्व के लिए कुछ नहीं किया है
⭕️ राममंदिर के लिए कुछ नहीं किया है
और यदि भाजपा इन विषयों पर कोइ कदम नहीं उठा रही तो फिर कांग्रेस और अन्य भाजपा विरोधी पार्टियां कौन सी बुरी हैं?"
आज मैं यहाँ कोई हिन्दू हित के कामों की लंबी सूची प्रस्तुत कर आंकड़ों का खेल नहीं खेलने जा रहा हूँ, मैं तो बस उन लोगों से पूरी विनम्रता से कहना चाहता हूँ की, जेहादी आतंकवाद के निशाने पर सदैव हिन्दू और उनकी आस्था के स्थल ही होते हैं,
इन साढ़े चार वर्षों में इस्लामिक आतंकवाद की यदि कमर टूटी है और हिन्दू और उनके पूजा स्थलों पर आक्रमण बंद हुआ है तो मोदी व् भाजपा के प्रयासों के ही कारण हैं,
जेहादी तो हिंदुओं के धर्मस्थल रामजन्म भूमि को ही निशाने पर लेने की योजना बनाये बैठे थे किन्तु उसके पूर्व ही भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने उन्हें पकड़ लिया,
कांग्रेस व् अन्य भाजपा विरोधियों का शासन तो हम सब देख ही चुके हैं और यदि यह कहे कि भुगत चुके हैं तो वह गलत नहीं होगा,
⭕️ हम सबको पता है कांग्रेस और स्वघोषित "सेक्यूलर" पार्टियों के राज्य में हर हफ्ते देश में बम धमाके होते थे जिनमें अधिकांश हिंदू ही मारे जाते थे, कोई नहीं जानता था अगला निशाना कौन सा हिंदू हो जाए।
⭕️ हिंदुओं के त्योहारों से पूर्व बाजारों में बम धमाके हुआ करते थे त्योहारों के उत्सव की तैयारी में लगे हुए लोग आतंकवादियों के हाथों काल के गाल में ढकेल दिया जाते थे।
⭕️ हिंदुओं के मंदिरों में बम धमाके हुआ करते थे, मंदिर में ईश्वर का आशीर्वाद लेने जाने वाले हिन्दू उसी ईश्वर के घर में आतंकवादियों द्वारा बर्बरता पूर्वक मार दिए जाते थे।
उस कालखंड में देश का प्रत्येक नागरिक असुरक्षित महसूस किया करता था और सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी आतंकवादियों का निशाना बने हिंदुओं के शवों पर नहीं अपितु मरे हुए आतंकवादियों के शवों पर आंसू बहाया करती थी(बटाला हॉउस पर सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया)
अतः विचार कीजिये की यदि आपने उसी कांग्रेस और उन स्वघोषित सेकुलर पार्टियों को वोट दे दिया, तो पुनः देश में वही स्थिति उत्पन्न होगी जो 2014 से पूर्व थी, हम सभी के प्राण संकट में होंगे, उस परिस्थिति में कोई नहीं जानता कि अगला निशाना हममें से कौन होगा,
आखिर हम सभी प्रतिदिन अपने अपने कामों से और कभी अपने परिवार के संग घरों से बाहर निकलते हैं, क्या गैर भाजपा राजनितिक दलों को वोट देकर अपने परिजनों व् अपने प्राण संकट में डालना सही निर्णय होगा ?
वह भी तब जब आप दोनों ही पक्षों का ट्रैक रिकॉर्ड देख व् अनुभव कर चुके हैं ?
यदि आप व् आपके प्रियजन ही सुरक्षित नहीं होंगे, आपके पूजास्थल ही सुरक्षित नहीं होंगे, तो कौन सी लोन माफ़ी, कौन सा हिंदुत्व और कौन सा हिन्दू हित ?
जीवित व् सुरक्षित रहेंगे तभी तो अपनी बातें मनवा सकेंगे न.....
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳
आज मैं यहाँ कोई हिन्दू हित के कामों की लंबी सूची प्रस्तुत कर आंकड़ों का खेल नहीं खेलने जा रहा हूँ, मैं तो बस उन लोगों से पूरी विनम्रता से कहना चाहता हूँ की, जेहादी आतंकवाद के निशाने पर सदैव हिन्दू और उनकी आस्था के स्थल ही होते हैं,
इन साढ़े चार वर्षों में इस्लामिक आतंकवाद की यदि कमर टूटी है और हिन्दू और उनके पूजा स्थलों पर आक्रमण बंद हुआ है तो मोदी व् भाजपा के प्रयासों के ही कारण हैं,
जेहादी तो हिंदुओं के धर्मस्थल रामजन्म भूमि को ही निशाने पर लेने की योजना बनाये बैठे थे किन्तु उसके पूर्व ही भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने उन्हें पकड़ लिया,
कांग्रेस व् अन्य भाजपा विरोधियों का शासन तो हम सब देख ही चुके हैं और यदि यह कहे कि भुगत चुके हैं तो वह गलत नहीं होगा,
⭕️ हम सबको पता है कांग्रेस और स्वघोषित "सेक्यूलर" पार्टियों के राज्य में हर हफ्ते देश में बम धमाके होते थे जिनमें अधिकांश हिंदू ही मारे जाते थे, कोई नहीं जानता था अगला निशाना कौन सा हिंदू हो जाए।
⭕️ हिंदुओं के त्योहारों से पूर्व बाजारों में बम धमाके हुआ करते थे त्योहारों के उत्सव की तैयारी में लगे हुए लोग आतंकवादियों के हाथों काल के गाल में ढकेल दिया जाते थे।
⭕️ हिंदुओं के मंदिरों में बम धमाके हुआ करते थे, मंदिर में ईश्वर का आशीर्वाद लेने जाने वाले हिन्दू उसी ईश्वर के घर में आतंकवादियों द्वारा बर्बरता पूर्वक मार दिए जाते थे।
उस कालखंड में देश का प्रत्येक नागरिक असुरक्षित महसूस किया करता था और सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी आतंकवादियों का निशाना बने हिंदुओं के शवों पर नहीं अपितु मरे हुए आतंकवादियों के शवों पर आंसू बहाया करती थी(बटाला हॉउस पर सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया)
अतः विचार कीजिये की यदि आपने उसी कांग्रेस और उन स्वघोषित सेकुलर पार्टियों को वोट दे दिया, तो पुनः देश में वही स्थिति उत्पन्न होगी जो 2014 से पूर्व थी, हम सभी के प्राण संकट में होंगे, उस परिस्थिति में कोई नहीं जानता कि अगला निशाना हममें से कौन होगा,
आखिर हम सभी प्रतिदिन अपने अपने कामों से और कभी अपने परिवार के संग घरों से बाहर निकलते हैं, क्या गैर भाजपा राजनितिक दलों को वोट देकर अपने परिजनों व् अपने प्राण संकट में डालना सही निर्णय होगा ?
वह भी तब जब आप दोनों ही पक्षों का ट्रैक रिकॉर्ड देख व् अनुभव कर चुके हैं ?
यदि आप व् आपके प्रियजन ही सुरक्षित नहीं होंगे, आपके पूजास्थल ही सुरक्षित नहीं होंगे, तो कौन सी लोन माफ़ी, कौन सा हिंदुत्व और कौन सा हिन्दू हित ?
जीवित व् सुरक्षित रहेंगे तभी तो अपनी बातें मनवा सकेंगे न.....
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳
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