Saturday, January 5, 2019

गांधी परिवार, रक्षा सौदे, हथियार दलालों व् बिचौलियों से संबंध और घोटाले।

#जीप_घोटाला, देश का पहला घोटाला था जो #जवाहरलाल_नेहरू के कालखंड में हुआ और उसमें बिचौलिया थे नेहरू के करीबी मित्र व् तत्कालीन #ब्रिटेन में #भारत के उच्चायुक्त वीके कृष्ण मैनन, और उस घोटाले के सफल एग्जीक्यूशन के बाद ही #नेहरू ने वीके कृष्ण मैनन को प्रमोशन देकर अपने कैबिनेट में स्थान दे दिया।
#बोफोर्स_घोटाला, यह घोटाला #राजीव_गांधी के कालखंड में हुआ था इसमें बिचौलिया था इटालियन उद्योगपति #क्वात्रोची, जो राजीव गांधी की इटालियन बीवी सोनिया गांधी का पारिवारिक मित्र था, और सोनिया गांधी जब इटली से भारत आयी तो दहेज में #ओटावियो_क़वात्रोचि को साथ लेकर आई थी, क़वात्रोचि उसी छत के नीचे रहता था जिस छत के नीचे सोनिया गांधी और राजीव गांधी रहा करते थे।
#नेवी_टैंकर_घोटाला, यह घोटाला #मनमोहन_सिंह के कार्यकाल में हुआ जब कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी थी और सुपर पीएम बन के रिमोट कंट्रोल से सरकार चला रही थी, इस घोटाले में नेवी के लिए एक टैंकर लिया गया जिसका ठेका एक इटालियन कंपनी फिंकइंटेरिया को दिया गया, इस इटैलियन कंपनी #फिंकइंटेरिया ने दोयम दर्जे का स्टील उस टैंकर के निर्माण में प्रयोग किया, और कुछ ही समय बाद टैंकर नेवी को मिलने के बाद प्रयोग के दौरान उसके हल में दरारें आ गई,
#अगस्ता_वेस्टलैंड_घोटाला, यह घोटाला भी #सोनिया_गांधी की देखरेख में हुआ इसमें इटैलियन कंपनी ऑगस्टा को कॉन्ट्रैक्ट देने हेतु रिक्वायरमेंट्स की शर्तें और हेलीकॉप्टर के स्पेसिफिकेशन ही बदल दिए गये,
हेलीकॉप्टर का जो संस्करण उस समय केवल कागजों पर था उसका सौदा कर लिया गया, यहां तक कि ट्रायल भी किसी दूसरे हेलीकॉप्टर पर करवा दिए गए, पूरा कार्य सोनिया गांधी की देखरेख में हुआ और इसमें बिचौलिया था #क्रिश्चियन_मिशेल, #इटली के कोर्ट में मुकदमा भी चला सोनिया गांधी, #अहमद_पटेल का नाम निकल कर आया और यह भी प्रमाणित हुआ कि भारत के नेताओं और पत्रकारों को घूस दी गई थी, अब क्रिश्चन मिशेल भारत की कस्टडी में है और उसने #मिसेज़_गांधी, इटैलियन औरत की संतान का जिक्र भी किया है।
#राहुल_गांधी के भी संबंध हथियार दलालों से छुपे हुए नहीं है, #नेवी_वार_रूम_लीक केस में अपराधी और हथियारों के बड़े दलाल #अभिषेक_वर्मा व् उसकी विदेशी पत्नी के साथ राहुल गांधी की गुप्त मुलाकात सुर्खियां बटोर चुकी है।
गांधी परिवार के दामाद #रॉबर्ट_वाड्रा का परम मित्र #संजय_भंडारी भी एक हथियारों का दलाल है, और जब सोनिया गांधी सत्ता में थी तो पूरा प्रयास किया गया था की रफाल सौदे में भी संजय भंडारी को एक मोटा कॉन्ट्रैक्ट मिल सके, किंतु एक्सपर्टीज़ के अभाव के कारण #रफाल की निर्माता कंपनी #डसॉल्ट ने संजय भंडारी को कोई भी कॉन्ट्रेक्ट देने से हाथ खड़े कर लिए, इसी संजय भंडारी ने सोनिया गांधी के दामाद और राहुल गांधी के जीजा वाड्रा को विदेश में सम्पत्तियां भी खरीदकर दीं हैं।
आज कांग्रेस के दोनों मालिक, मां-बेटा सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ही 5000 करोड़ के #नेशनल_हेराल्ड_घोटाले में जमानत पर है, जिसमें उन्होंने गैर कानूनी तरीके से #नेशनल_हेराल्ड की 5000 करोड़ की संपत्ति अपने नाम कर ली और वो पैसा डकार गए।
किंतु विडंबना देखिए की वही दागदार लुटेरा #गांधी_परिवार व् #कांग्रेस जिसके हथियार दलालों से पुराने व् घनिष्ठ संबंध रहे है, हर रक्षा सौदे में दलाली और घूस खाने का जिनका इतिहास रहा है,
वो लोग #भाजपा के उस राफेल सौदे पर झूठे आक्षेप लगा रहे है जिस रफाल सौदे को #सुप्रीम_कोर्ट तक पूरी तरह एग्जामिन कर चुका है, और अपने निर्णय में कह चुका है कि इसमें किसी भी प्रकार की कोई भी गड़बड़ी नहीं है,
किंतु लुटेरी कांग्रेस और घोटालेबाज #गांधी परिवार अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी की बेदाग छवि खराब करने हेतु उनपर झूठे आरोप लगाकर किसी प्रकार चुनाव जीतने के हथकंडे अपनाने लगे हैं, आवश्यकता है कि लुटेरी कांग्रेस और घोटालेबाज गांधी परिवार के संग "नेम एंड शेम" की रणनीति का प्रयोग किया जाए।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳 



कांग्रेस व् गाँधी परिवार का नेवी टैंकर घोटाला

हम सबने गांधी परिवार द्वारा किए गए अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के विषय में तो बहुत सुना है, किंतु एक और घोटाला है जिसकी बहुत ही कम स्थानों पर चर्चा होती है और लगभग भुला ही दिया गया है, जिसका खुलासा स्वयम CAG ने अपनी जांच में किया था,और वह है नेवी टैंकर घोटाला जिसमे आईएनएस दीपक व् आईएनएस शक्ति नामक नेवी टैंकर खरीदे गये थे।
इस घोटाले में भी वहीं समानताएं हैं जो सोनिया गांधी के राज में हुए अन्य रक्षा घोटालों में हुआ करती थी,
यानी कि इटली-कनेक्शन,
🦂 जैसे बोफोर्स घोटाले का बिचौलिया इटैलियन ओट्टाविओ क्वात्रोची था,
🦂 अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में इटैलियन कंपनी शामिल थी,
आज मैं जिस नेवी टैंकर घोटाले की बात कर रहा हूं इसमें भी यही इटली कॉमन फैक्टर है, इस घोटाले में फिंकइंटेरिया नाम की इटालियन कंपनी शामिल है।
इस घोटाले में कांग्रेस सरकार की मालकिन सोनिया गांधी ने अन्य कम्पनियों की बिड्स को नजरअंदाज कर अपने देश इटली जहां की वो मूल निवासी हैं, की एक कंपनी फिंकइंटेरिया को विशेष वरीयता देते हुए नियमों कानूनों और नेवी की प्रमुख आवश्यकताओं को नजरअंदाज करते हुए इटैलियन कम्पनी फिंकइंटेरिया को नेवी के लिए 2 फ़लीट टैंकरों के निर्माण का ठेका दे दिया,
आपको बता दें की वर्ष 2006 में कांग्रेस सरकार ने टैंकरों के सौदे के लिए टेंडर जारी किया था, जिसके बाद रूस की रोसबोरोनोएक्सपोर्ट , कोरिया की ह्युंडे हैवी इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड और इटली की फिंकइंटेरिया कंपनी ने सौदे के लिए टेंडर भरा,
टेंडर के आवश्यक मानकों के अनुसार, सिर्फ रूस की कंपनी मिलिट्री ग्रेड(DMR 249A) वाले स्टील से टैंकर निर्माण के लिए तैयार थी,
आपको बता दें की मिलिट्री ग्रेड का DMR 249A स्टील साधारण कमर्शियल स्टील से 3 से 4 गुना महंगा होता है,
कहीं अधिक वजनी होता है, और कई गुना मजबूत भी होता है,
किन्तु सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार ने टेंडर के आवेदन आने के बाद अचानक नियमों को बदल कर 2009 में इटली की कंपनी फिंकइंटेरिया को कॉन्ट्रेक्ट दे दिया।
🦂 यह डील नौसेना के आईएनएस दीपक और आईएनएस शक्ति टैंकरों की थी,
🦂 वर्ष 2009 में सोनिया गांधी ने इटैलियन कम्पनी फिंकइंटेरिया से यह सौदा किया था,
🦂 दोनो नेवी टैंकरों में प्रयोग किये गए स्टील की गुणवत्ता आवश्यक मानकों से बहुत कमज़ोर थी,
🦂 फिंकइंटेरिया ने बेहद सस्ते और घटिया किस्म के स्टील से नेवी के इन दोनो टैंकरों का निर्माण किया,
🦂 परिणाम यह हुआ की इन टैंकरों की डिलीवरी के कुछ दिन बाद ही इनके हल में दरारें आ गयीं,
🦂 नेवी के एक अधिकारी ने इन दोनो टैंकरों में घटिया किस्म के स्टील इस्तेमाल किए जाने का मामला उठाते हुए साल 2009 में ही जांच की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन सत्ताधारी सोनिया गांधी की कांग्रेस ने मामला दबा दिया था।
🛑 इन टैंकरों की निर्माता इटैलियन कंपनी फिंकइंटेरिया पर आरोप हैं कि उसने हथियार बनाने वाले स्टील की जगह कमर्शियल ग्रेड के स्टील का इस्तेमाल किया. जबकि सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार ने इस बात की जानकारी होते हुए भी फिंकइंटेरिया को निर्माण की अनुमति दे दी,
🛑 वर्ष 2010 में CAG ने इस डील की अलोचना करते हुए सवाल खड़े किए थे, CAG ने सोनिया की कांग्रेस सरकार पर इटली की कंपनी को फेवर करने का आरोप लगाया था, और स्पष्ट लिखा था की सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार ने नेवी को घटिया स्तर के सस्ते स्टील से निर्मित टैंकर दिलवाए और इटैलियन कम्पनी फिंकइंटेरिया को "अनड्यू फेवर्स" दिए
🛑CAG ने ये भी पाया की सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार ने फिंकइंटेरिया को 6 मिलियन डॉलर के अतिरिक्त स्पेयर्स की प्रोवज़निंग भी की थी।
वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा पूर्व फ्लैग ऑफिसर कमांड इन चीफ वेस्टर्न नेवल कमांड उस समय सेवारत थे जब डील साइन हुई और उन्होंने बताया की जब यह नया नेवल टैंकर आईएनएस दीपक अटलांटिक के मध्य में था तो जहाज के कैप्टन ने उन्हें सूचित किया की नए टैंकर के हल में क्रैक्स आ रहे हैं, यह सूचना जहाज के क्रू और पूरी ऑप्रेशनल टीम के लिए चिंताजनक थी और उन्होंने तत्काल नेवल कमांड से सम्पर्क किया और जहाज को मार्ग बदलकर लिस्बन पुर्तगाल ले जाना पड़ा,
उस समय एडमिरल राज मेनन ने कहा था कि मैने आजतक कभी कमर्शियल स्टील से बने नेवल शिप को नहीं देखा, पूरी दुनिया में कहीं ऐसा नहीं होता जहां किसी नेवल जहाज की गुणवत्ता में समझौता होता हो
फिंकइंटेरिया ने भी स्वीकारा की उसने भारतीय नेवी के टैंकरों में जो DH-36 स्टील प्रयोग किया है वो DMR 249A स्टील से कहीं हल्का है, कई गुना कम मजबूत है, और दोनो ही प्रकार के स्टील में कहीं कोई तुलना नही हो सकती, और फिंकइंटेरिया ने यह भी स्पष्ट बताया की उसने तत्तकालीन सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार को भी ये सारी जानकारी पहले से बताई थी।
अब सोचिये जिस लुटेरे गांधी परिवार और घोटालेबाज कांग्रेस ने रक्षा सौदों में इस प्रकार के घोटाले किये और सेनाओं को दोयम स्तर के जहाज उपलब्ध करवाये, वही घोटालेबाज गांधी परिवार और मां-बेटा जो आज 5000 करोड़ के नेशनल हेराल्ड घोटाले में कोर्ट की जमानत पर हैं, भला सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद उनका राफाल पर फर्जी प्रश्न उठाना केवल कीचड़ उछालकर जनता को भृमित करने के सिवाय और क्या हो सकता है।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳


Friday, January 4, 2019

गाँधी परिवार और उनका कलंकित राजनितिक इतिहास

सुप्रीमकोर्ट द्वारा पूरे राफाल सौदे को किसी भी गड़बड़ी व् अनियमितता से मुक्त पाए जाने और सौदे में सभी नियमों, प्रोटोकोल्स, व् प्राइसिंग की डिटेल्स को अध्यन व् उसके विश्लेषण के बाद हरी झंडी मिलने के बाद,
संसद में वित्त मंत्री द्वारा ऑफसेट कॉन्ट्रेक्ट के विषय मे विस्तार व् स्पष्ट रूप से समझाने के बाद, कि ऑफसेट कॉन्ट्रेक्ट के अंतर्गत कोई भी भारतीय कम्पनी राफाल का निर्माण नही करेगी, राफाल की दोनों स्क्वाडरन यानी सभी 36 विमान फ्लाईआवे कंडीशन यानी पूर्ण रूप से फ्रांस से बनकर आएंगे,
ऑफसेट कॉन्ट्रेक्ट में राफाल का मुख्य कॉन्ट्रेक्ट पाने वाली राफाल की निर्माता कंपनियों को डील की कुल कीमत का 50% भारत के रक्षा क्षेत्र में निवेश करना होगा। यह तथ्य व् साक्ष्यों समेत बताने के बाद
रक्षा मंत्री द्वारा राफाल के बेस वैरियंट( बिना हथियारों के) की प्राइसिंग पर स्पष्ट उत्तर देने के बाद और कांग्रेस के जमाने की डील(जो कभी पूरी न हुई, व् एक दस्तावेज तक साइन नही हुआ)
से तुलना कर कांग्रेस की डील का प्राइस जो कि 737 करोड़ था और NDA की पूरी हुई राफाल डील जिसमे कीमत 670 करोड़ है के तथ्य प्रस्तुत करने के बाद और उसके बाद HAL को NDA सरकार में मिले कुल 1 लाख करोड़ के कॉन्ट्रेक्ट की डिटेल्स प्रमाण सहित देने के बाद,
यदि अब भी राहुल गांधी वही राग अलाप रहे हैं कि राफाल सौदे में गड़बड़ी है और HAL से कॉन्ट्रेक्ट छीन लिया तो आपको समझना होगा कि राहुल गांधी उस धूर्त व् थेथर खनदान से आता है जिस
राहुल के परनाना नेहरू ने
प्रधानमंत्री पद के लिए देश का बंटवारा करवाया और 35 लाख निर्दोष हिन्दू मरवा दिए,
आधा कश्मीर पाकिस्तान को दे दिया और कश्मीर समस्या भारत को दी,
UN सिक्योरिटी काउंसिल की परमानेंट सीट भारत के बदले चीन को दिलवा दी,
देश का प्रथम घोटाला यानी जीप घोटाला किया
तिब्बत चीन को दे दिया,
1962 में भारत को युद्ध हरवाया और भारत की जमीन चीन को दे दी,
राहुल की दादी इंदिरा ने
देश मे टैक्स टेररिज़्म थोपा उद्योगपतियों से 97% तक टैक्स वसूला
1971 में देश भर में बंगलादेशी घुसपैठिये भर दिए,
युद्ध जीतकर भी ईस्ट पाकिस्तान का विलय बंगाल में नही करवाया
1लाख पाकिस्तानी युद्धबन्दी सैनिक बिना कश्मीर लिए वापस कर दिए
देश मे एमरजेंसी लगाकर हजारों विरिधियो को जेलों में डालकर मरवा दिया, लोकतंत्र की हत्या कर दी
जयपुर राजघराने का खजाना लूट लिया
राहुल के बाप राजीव ने
हजारों निर्दोष सिख देश मे मरवाये और फिर "बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है" कहकर उसे उचित ठहराया
श्रीलंका में सेना के हजार से अधिक सैनिक मरवाये
भोपाल गैस कांड में 25000 निर्दोशों को मारने वाले एंडरसन को भगाने में सहायता की
बोफोर्स घोटाला किया, दलाली खाई
स्विस बैंक खाते में लगभग 2 लाख करोड़ का काला धन दबाये बैठे थे
राहुल की मां सोनिया ने
भारत के बैंकों को लूटकर दुनिया का सबसे बड़ा NPA घोटाला किया 32 लाख करोड़ का
दामाद जी, 2जी, कॉमनवेल्थ, थोरियम, ऑगस्टा, एम्ब्रेयर, नेवी टैंकर,एंट्रिक्स देवास जैसी सैंकड़ों घोटालों द्वारा देश को लूटा
सत्ता पाते ही आतंकविरोधी कानून पोटा समाप्त किया और देश मे आतंकवाद को बढ़ावा देकर निर्दोष लोग मरवाये
हिंदुओं के दमन हेतु कम्यूनल वायलेंस बिल जैसा कानून लाया गया जिससे किसी भी हिन्दू को कभी भी अपराधी बनाकर जेल में डाला जा सके और मुस्लिम व् ईसाई हिंदुओं का दमन व् सफाया कर सकें
हिंदुओं को आतंकवादी सिद्ध करने हेतु समझौता ब्लास्ट के इस्लामिक आतंकियों को छोड़ दिया और कर्नल पुरोहित, असीमानन्द और साध्वी प्रज्ञा जैसों को वर्षों तक जेल में बन्दकर यातनाएं दी मारा पीटा
राहुल ने
कांग्रेस कार्यकर्ता की बेटी सुकन्या का बलात्कार किया और उसे परिवार सहित गायब करवा दिया
5000 करोड़ का नेशनल हेराल्ड घोटाला किया और पूरी संपत्ति अपनी मां संग डकार गया
हिंदुओं को आतंकवादी घोषित करवाया और अमेरिकन अम्बेसडर तक को कहा हिन्दू आतंकवाद का झूठा पाठ पढ़ाया
हथियार दलाल अभिषेक वर्मा को नेवी वार रूम लीक केस में सहायता की
अपने जीजा के दोस्त संजय भंडारी को इम्पोर्ट ड्यूटी चोरी करवाने में पूरी सहायता की और रक्षा सौदे भी उसे दिलवाने के प्रयास किया
अपने जीजा की तरह किसान बन कृषि भूमि भी हड़पी, बाद में बात खुलने पर वो जमीन अपने बहन के नाम कर दी।
वर्ष 2000 में अमेरिका के बोस्टन हवाई अड्डे पर अनअकॉन्टेड कैश और स्पेनिश माफिया की बेटी संग पकड़े गए थे, तब वाजपेयी ने छुड़वाया था।
और आज उसी कांग्रेस के मालिक ये गांधी परिवार यानी घोटालेबाज उच्चके लुटेरे माँ-बेटा सोनिया और राहुल 5000 करोड़ के नेशनल हेराल्ड घोटाले में कोर्ट की जमानत हैं और जेल जाने की कगार पर खड़े हैं, किन्तु धूर्त इतने कि भ्र्ष्टाचार की नाली में पड़े हुए ये दोनों जीव बिना किसी दस्तावेज, साक्ष्य, प्रमाण अथवा तथ्य के देश के निष्कलंक प्रधानमंत्री पर झूठे आरोप लगाकर अपना राजनीतिक उल्लू सीधा कर जनता को भृमित कर वोट बटोरने के प्रयास में लगे हुए हैं।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳

कांग्रेस व् गाँधी परिवार का मिग-21 घोटाला

गांधी परिवार और कांग्रेस द्वारा रक्षा सौदों के अंतर्गत प्रोक्योर किए गए फाइटर प्लेन्स की बात करें तो आपको बता दें कि:
♦️ घोटालेबाज कांग्रेस ने 1200 मिग-21 फाइटर विमान इंडक्ट किये थे,
♦️ उन मिग-21 की घटिया गुणवत्ता का अनुमान इसी तथ्य से लगा लीजिए कि उन 1200 मिग-21 में से 840 मिग-21 क्रैश हो गये,
♦️ इन घटिया क़्वालिटी के मिग-21 के क्रैश में 170 भारतीय पायलट मारे गए और 40 भारतीय नागरिक भी काल के गाल में समा गए।
क्या देश मे किसी जागरूक उन्नतिशील बुद्धिजीवी या पत्रकार ने कांग्रेस और गांधी परिवार से प्रश्न किया कि कांग्रेस और गांधी परिवार ने घटिया क़्वालिटी के ये दोयम दर्जे के पुर्जों वाले मिग-21 क्यों वायुसेना को पकड़ा दिए ?
कांग्रेस ने घटिया क़्वालिटी के मिग-21 द्वारा 170 निर्दोष पायलट और देश के 40 निर्दोष नागरिक मरवा दिए,
उन 210 निर्दोषों की हत्या की जिम्मेदार कांग्रेस और गांधी परिवार ही है, और उस लुटरे परिवार को 210 हत्याओं के अपराध का दंड मिलना चाहिए,
आज एक फाइटर जेट डील के नाम पर फर्जी आरोप लगाकर बवाल काटने वाली कांग्रेस को पहले रक्षा सौदों में खुद के किये घोटाले और कुकर्मों पर दृष्टि डालने की आवश्यकता है।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳

Thursday, January 3, 2019

कांग्रेस के दरबारी पत्रकारों का पाखंड व् कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी का झूठ

आज मैं आपको न्यूज़-ट्रेडर, उर्फ़ प्रेस्टीट्यूट, उर्फ़ प्रेश्याओँ, उर्फ़ दलाल पत्रकारों, उर्फ़ दरबारी पत्रकारों की परिभाषा देने जा रहा हूँ |
*******************************************
तथ्य:
⭕️ रफाल सौदे की कुल कीमत 58 हजार करोड़ रुपए।
⭕️ डील के अंतर्गत ऑफसेट क्लॉज़ 50%।
⭕️ यानी भारत से की जाने वाली खरीदारी 29 हजार करोड़ रूपये।
⭕️ 29 हजार करोड़ में हिस्सा डसाल्ट, सफरन और थेल्स का।
⭕️ डसाल्ट द्वारा भारतीय कम्पनीयों संग ज्वाइंट वेंचर और उससे की जाने वाली खरीदारी 8400 करोड़।
⭕️ डसाल्ट द्वारा खरीदारी ज्वाइंट वेंचर व् निवेश हेतु चुनी गई छोटी बड़ी भारतीय कंपनियों की कुल संख्या 56,
जिनमे से एक कंम्पनी अनिल अंबानी की।
⭕️ अनिल अंबानी की कंपनी को मिले कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 450 करोड़।
💥 ️ राहुल गांधी और कांग्रेस जिस रफाल डील को 10 वर्ष में पूरा नहीं कर सके और उसका हवाला देकर 526 करोड़ का आंकड़ा उछाल रहे हैं वह केवल विमान की कीमत है,
जिसमे न कोई हथियार व् मिसाइल था, न कोई ट्रेनिंग क्लॉज़, न स्पेयर्स और लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट, न सर्विस और मेंटेनेंस एग्रीमेंट, न ही फ़लीट अवेलिबिलिटी क्लॉज़,न ही विमान की क़्वालिटी पर लेटर ऑफ़ एश्योरेंस था, न ही उस डील में AESA रडार सम्मिलित था,
💥 जबकि आज जो लगभग 1600 करोड़ की कीमत है वो पुरे वेपनाइज़्ड हथियारों व् METEOR और SCALP जैसे मिसाइलों से लैस फुली लोडेड राफाल की है, जिसमे लॉजिस्टिक्स स्पोर्ट, स्पेयर्स-मेंटेनेंस सर्विस एग्रीमेंट, ट्रेनिंग क्लॉज़, फ़लीट अवेलिबिलिटी क्लॉज़, क़्वालिटी पर लेटर ऑफ़ एश्योरेंस हैं और लेटेस्ट RBE2-AA AESA राडार भी सम्मिलित है
**************************************
कांग्रेस का अध्यक्ष राहुल गांधी जो खुद 5000 करोड़ के नेशनल हेराल्ड घोटाले में कोर्ट से मिली जमानत पर बाहर है, वो अपने दरबारी पत्रकारों को बुलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के नाम पर मजमा लगाता है, और कहता है कि “नरेंद्र मोदी ने 526 करोड़ का विमान 1600 करोड़ में लिया और अनिल अंबानी को ₹30,000 करोड़ दे दिए”
🌑 अब सारे तथ्य सामने होने के बावजूद भी उन दरबारी पत्रकारों में से एक भी व्यक्ति घोटालेबाज जमानती राहुल गांधी से इस आंकड़े पर प्रमाण व् साक्ष्य नहीं मांगता,
🌑 सारे तथ्य सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रमाणित होने के बाद भी कोई दरबारी पत्रकार राहुल गांधी के आगे यह तथ्य रखकर उससे प्रश्न नहीं करता,
🌑 कोई दरबारी पत्रकार नहीं पूछता की यदि कांग्रेस की डील इतनी अच्छी थी, तो 10 वर्ष में कांग्रेस उसे पूर्ण क्यों नहीं कर सकी ?
🌑कोई दरबारी पत्रकार नहीं पूछता कि कांग्रेस की डील में क्या राफाल के हथियार, लॉजिस्टिक्स स्पोर्ट, मेंटेनेंस, सर्विस एग्रीमेंट, ट्रेनिंग क्लॉज़, फ़लीट अवेलिबिलिटी क्लॉज़ AESA रडार सम्मिलित था ?
यही हमारे देश के पत्रकारों का स्तर है, जो 1947 से लेकर आज तक इस लुटेरे घोटालेबाज गांधी परिवार के चरणों में लोटते रहे हैं और यह घोटालेबाज कांग्रेस और लुटेरा गांधी परिवार इनके आगे हड्डियां डालकर इनका मुंह बंद कर सैकड़ों घोटालों और रक्षा सौदों में मोटी घूस खाकर देश को लूटता रहा है।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳

नेस्ले के सबसे प्रसिद्ध उत्पाद मैगी में जहरीला लेड है, स्वयं नेस्ले ने सुप्रीम कोर्ट में स्वीकारा

मैगी में जहरीला लेड होता है" यह बात स्वयं मैगी की निर्माता नेस्ले ने सुप्रीमकोर्ट में स्वीकारी है, और कुतर्क दिया कि वो हानिकारक स्तर से बहुत कम है,
जिसपर कोर्ट ने पूछा कि जब हमे पता है कि इसमें लेड जैसा जहरीला पदार्थ है तो भला हम उसे क्यों खाएं ? आखिर किसी खाद्य पदार्थ में किसी भी स्तर का कोई जहरीला पदार्थ हो ही क्यों ?
सरकार बनाम नेस्ले के इस केस में कोर्ट ने मैगी के विरुद्ध कार्यवाही पुनः आरंभ करने के निर्देश दिए हैं, सरकार को साधुवाद की उसने जनता के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है और इस गम्भीर विषय को अब तक सुप्रीम कोर्ट में परसु भी किया है, और यदि आज देश में भाजपा के बदले कांग्रेस सरकार होती तो अब तक उन्होंने बैक चैनल डील कर नेस्ले से माल वसूलकर उसे क्लीन चिट दे दी होती और देश के करोड़ों नागरिकों के स्वस्थ्य के संग समझौता कर दिया होता,
वैसे यह बात तो हम सब स्वीकारेंगे की अधिकांश भारतीय घरों में मैगी सबसे कॉमन स्नैक के रूप में इस्तेमाल होती है, और हम भी कोई अपवाद नहीं हैं,
अधिकांश कामकाजी व्यक्ति मैगी इसलिए स्नैक के रुप में प्रयोग करते हैं क्योंकि मैगी बनाना सरल है, जल्दी बन भी जाती है, स्वाद भी ठीक होता है, कही बाहर भी जाना नही पड़ता तो समय बच जाता है ,और सस्ती भी होती है,
किन्तु अब जब स्वयं मैगी की निर्माता नेस्ले ने स्वीकार किया है कि मैगी में जहरीला लेड होता है, तो यह वास्तव मे सोचने का विषय है कि क्या बस अपनी सहूलियत भर के लिए अपने स्वास्थ्य से समझौता कर ऐसा स्नैक हमें व् हमारे परिजनों को कंज़्यूम करते रहना चाहिए ?
आखिर सहूलियत, स्वाद और सस्ता भर होने से जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पक्ष स्वास्थ्य से समझौता तो नही किया जा सकता,
सोच लिया है कि अबसे स्नैक्स के रूप में अन्य विकल्प चुनूँगा जैसे बाटी चोखा, इडली, डोसा, छोले भटूरे, भेलपुरी, सेवपुरी, छोला समोसा, कटलेट या अन्य कुछ,
भले आने जाने में थोड़ा समय अधिक जाए किन्तु सब कुछ जानते हुए भी स्वास्थ्य से खिलवाड़ तो नहीं कर सकता।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳

डोनल्ड ट्रंप द्वारा मोदी का उपहास उड़ाना विकृत अमेरिकी सोच का परिचायक

डॉनल्ड ट्रंप बाबू को इस बात की मिर्ची लगी हुई है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्टैंडिंग आर्मी के मालिक भारत ने अमेरिका के कहने पर अफगानिस्तान में अपनी फौज नहीं डिप्लॉय की,
और इसी खुन्नस में आज वो नरेंद्र मोदी द्वारा अफगानिस्तान में एक पुस्तकालय बनवाने का उपहास उड़ा रहे,
मैं नहीं जानता कि डोनाल्ड ट्रम्प को शिक्षा का महत्व कितना समझ में आता है, किंतु डॉनल्ड ट्रंप से मैं जानना चाहूंगा यदि अफगानिस्तान में सेना की उपस्थिति इतनी ही जरूरी है तो अमेरिका क्यों इतने वर्षों से निरंतर अफगानिस्तान से अपनी सेना कम करता जा रहा है, और आज वहां से किसी भी तरह निकलने की फिराक में क्यों है ?
यदि डॉनल्ड ट्रंप यह सोच कर बैठे हैं की अमेरिकंस अफगानिस्तान से निकल जाएंगे, और उनके स्थान पर इंडियन फोर्सेज अफगानिस्तान संभालेगी तो डोनल्ड ट्रम्प को यह पता होना चाहिए कि अफगानिस्तान अमेरिका द्वारा उत्पन्न की गई समस्या है,
अमेरिकंस जितना शीघ्र यह समझ व् स्वीकार लें कि भारत कोई पाकिस्तान नहीं है, और भारत तथा पाकिस्तान में जमीन आसमान का अंतर है, और यह अंतर सदैव बना रहेगा, उतना ही दोनों देशों के आपसी सम्बन्धों के लिए अच्छा होगा, हम भारतीय कोई मर्सिनरी नहीं हैं जो पैसों के बदले अपने सैनिकों को दूसरों के लिये मरने भेज दें, भारत ने दुनिया भर में अमेरिका की फैलाई अव्यवस्था को साफ करने का ठेका नहीं ले रखा है,
अफगानिस्तान की समस्या अमेरिका द्वारा निर्मित की गई है ,
किंतु उसके बावजूद भी :
🌀 भारत पूरे एशिया में अफगानिस्तान को सर्वाधिक दान देने वाला और विश्व का 5वां सर्वाधिक दान देने वाला देश है,
🌀 भारत अफगानिस्तान में सड़कों का निर्माण कर रहा है,
🌀 अफ़ग़ान पार्लियामेंट भारत ने बनाया है
🌀 पानी की कमी से जूझने वाले अफगानिस्तान को बांध बनाकर भारत ने दिए हैं
🌀 भारत ने अफगानिस्तान को 3 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता दी है
🌀 1500 से अधिक अफगानों को स्कॉलरशिप दी है
🌀 भारत, अफगानिस्तान के नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है
🌀 16000 अफगानी छात्र आज विभिन्न सहायता प्रोग्राम के अंतर्गत भारत में पढ़ रहे हैं
🌀 सैकड़ों भारतीय कंपनियां और भारतीय प्रोफेशनल अफगानिस्तान का पुनर्निर्माण करने में लगे हुए हैं
🌀 अफगानी सैनिकों और फोर्सेस को भारत ट्रेन कर रहा है
🌀 अफगानिस्तान की सेना को आतंकियों से निपटने हेतु हैलीकॉप्टर गनशिप भारत ने दिए हैं
और इस सबके बावजूद ट्रम्प को यदि केवल भारत द्वारा अफगानिस्तान में निर्मित लाइब्रेरी ही दिखती है,
तो यह उनका संकीर्ण व् विकृत दृष्टिकोण है,
डॉनल्ड ट्रंप जैसे लोगों को यह समझने की आवश्यकता है की हर देश ना तो ब्रिटेन की तरह अमेरिका का पिछलग्गू बन सकता है, ना ही पाकिस्तान की तरह पैसों के बदले उनकी गंदगी उठाने वाला,
कुछ देशों का अपना स्वयं का आत्मसम्मान होता है और वे किसी अन्य की आर्थिक सहायता पर निर्भर नही होते, और वे दूसरों के साथ बराबरी का व्यवहार चाहते हैं।
किंतु हां मैं स्वीकार करता हूं कि अमेरिका ने पिछले 4.5 वर्षों में विभिन्न वैश्विक फोरम पर भारत के लिए लॉबिंग की है, एमटीसीआर, वासेनार ऑस्ट्रेलियन ग्रुप में भारत को सदस्यता दिलवाने में भूमिका निभाई है, साथ ही साथ एनएसजी में भी भारत का स्थान सुनिश्चित करने हेतु प्रयास किया, अपाचे, चिनूक, प्रिडेटर जैसे आर्म्ड ड्रोन बेचे हैं, परंतु याद रखें भारत ने यह सारे हथियार उनका मूल्य चुकाकर खरीदे हैं पाकिस्तान की तरह दान में नहीं लिए हैं,
और यह भी सत्य है कि इस सबके पीछे अमेरिका का अपना हित है और चीन को कंटेन करने के लिए उसे एशिया में भारत जैसी सशक्त आर्थिक, सामरिक और सैन्य महाशक्ति की आवश्यकता है, अतः ट्रम्प जैसों को अब वस्त्वविक्ता स्वीकारने की और भारत के निर्णयों का सम्मान करने की आदत डाल लेनी चाहिए।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...