Wednesday, January 2, 2019

सबरीमाला: वामपथियों द्वारा हिंदू आस्था व् हिन्दुओं पर आक्रमण

केरल में सबरीमाला मंदिर की परंपरा तोड़ने के बाद, केरल की सत्ताधारी वामपंथी पार्टी CPIM के कार्यकर्ता, प्रदर्शनकारी हिन्दू आयप्पा भक्तों की पत्थर मारकर हत्याएं कर रहे हैं,
और केरल की दमनकारी वामपंथी सरकार के विरोध में व् हिन्दू आयप्पा भक्तों के समर्थन में सड़कों पर निकलकर आये भाजपा कार्यकर्तों की हत्याएं इस्लामिक जेहादी संगठन SDPI के कार्यकर्ता चाकुओं से गोदकर कर रहे हैं
केरल में सबरीमाला पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे आयप्पा भक्त चन्द्रन उन्नीथन की पत्थर मार-मारकर हत्या करने में 2 CPIM कार्यकर्ता पकड़े गये हैं,
और उन्ही सबरीमाला प्रदर्शनकारियों के समर्थन और रक्षा हेतु निकलकर आये भाजपा कार्यकर्ताओं में से 3 भाजपा कार्यकर्ताओं को जेहादी संगठन SDPI के कार्यकर्ताओं ने चाकुओं से गोद दिया, पकड़े गए जिहादियों का नाम फैजल, मोइनुद्दीन और नवाब है।

बड़े-बड़े प्रकांड हिंदू संत, बाबा, कथा-वाचक, शंकराचार्य, कई महंत जो विभिन्न विषयों पर कांग्रेस के संग कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं और हिंदुत्व के प्रखर ध्वजवाहक स्वघोषित योद्धा कितनी ही बड़ी-बड़ी बातें कर ले, भाजपा पर कितने आरोप लगा ले, उसे कितना ही निकम्मा बोल लें,
किंतु वास्तविकता यह है कि जब-जब हिंदुओं व् हिंदुत्व पर विपदा आती है तो अंत में भाजपा/आरएसएस के ही लोग उनकी सहायता हेतु सड़कों पर उतरते हैं, और यह सब गणमान्य महानुभव उस संकट काल में अपने अपने बिलों में दुबक जाते हैं और सब कुछ शांत होने के बाद ही अपने बिलों से निकलकर बकैती काटते हैं
चाहें:
⭕️ हिंदुओं के दमन हेतु बनवाए गए कम्युनल वायलेंस बिल, अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून को रोकना हो
⭕️समाजवादी शासन में हुए मुजफ्फरनगर दंगे हों
⭕️केरल में आई बाढ़ हो
⭕️बंगाल में जिहादियों द्वारा दमन झेल रहे हिंदू हो
⭕️असम में जिहादी बांग्लादेशी घुसपैठियों के हाथों पीड़ित हिंदू की सहायता हो
⭕️ जम्मू कठुआ में फर्जी आसिफा केस उछाल कर हिंदुओं का जबरी पलायन करवाने का षड्यंत्र हो
⭕️राम सेतु को तोड़ने का षड्यंत्र विफल करना हो
⭕️ राम मंदिर हेतु वर्षों तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस लड़ना हो
आप चाहें तो अपनी स्मृति को पीछे इन सभी घटनाओं की ओर ले जा सकते हैं, उस समय के समाचार पत्र, मीडिया हेडलाइंस देख सकते हैं,एकत्र कर सकते हैं,
आपको समझ में आ जाएगा कि हिंदुओं के पक्ष में उस समय कौन खड़ा हुआ था और सबरीमाला पर भी आज हिंदुओं के पक्ष में कौन खड़ा हुआ है,
किंतु विडंबना यह है कि वही हिंदू समाज आज तक अपने वास्तविक शुभचिंतक को पहचान ही नहीं सका है और समय-समय पर अपने उसी शुभचिंतक को धोखे देना और उसे कमज़ोर करना उसकी प्रकृति का एक भाग बन चुका है।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳




No comments:

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...