हम
सबने गांधी परिवार द्वारा किए गए अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के
विषय में तो बहुत सुना है, किंतु एक और घोटाला है जिसकी बहुत ही कम स्थानों
पर चर्चा होती है और लगभग भुला ही दिया गया है, जिसका खुलासा स्वयम CAG ने
अपनी जांच में किया था,और वह है नेवी टैंकर घोटाला जिसमे आईएनएस दीपक व्
आईएनएस शक्ति नामक नेवी टैंकर खरीदे गये थे।
इस घोटाले में भी वहीं समानताएं हैं जो सोनिया गांधी के राज में हुए अन्य रक्षा घोटालों में हुआ करती थी,
यानी कि इटली-कनेक्शन,
🦂 जैसे बोफोर्स घोटाले का बिचौलिया इटैलियन ओट्टाविओ क्वात्रोची था,
🦂 अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में इटैलियन कंपनी शामिल थी,
आज मैं जिस नेवी टैंकर घोटाले की बात कर रहा हूं इसमें भी यही इटली कॉमन फैक्टर है, इस घोटाले में फिंकइंटेरिया नाम की इटालियन कंपनी शामिल है।
इस घोटाले में कांग्रेस सरकार की मालकिन सोनिया गांधी ने अन्य कम्पनियों की बिड्स को नजरअंदाज कर अपने देश इटली जहां की वो मूल निवासी हैं, की एक कंपनी फिंकइंटेरिया को विशेष वरीयता देते हुए नियमों कानूनों और नेवी की प्रमुख आवश्यकताओं को नजरअंदाज करते हुए इटैलियन कम्पनी फिंकइंटेरिया को नेवी के लिए 2 फ़लीट टैंकरों के निर्माण का ठेका दे दिया,
आपको बता दें की वर्ष 2006 में कांग्रेस सरकार ने टैंकरों के सौदे के लिए टेंडर जारी किया था, जिसके बाद रूस की रोसबोरोनोएक्सपोर्ट , कोरिया की ह्युंडे हैवी इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड और इटली की फिंकइंटेरिया कंपनी ने सौदे के लिए टेंडर भरा,
टेंडर के आवश्यक मानकों के अनुसार, सिर्फ रूस की कंपनी मिलिट्री ग्रेड(DMR 249A) वाले स्टील से टैंकर निर्माण के लिए तैयार थी,
आपको बता दें की मिलिट्री ग्रेड का DMR 249A स्टील साधारण कमर्शियल स्टील से 3 से 4 गुना महंगा होता है,
कहीं अधिक वजनी होता है, और कई गुना मजबूत भी होता है,
किन्तु सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार ने टेंडर के आवेदन आने के बाद अचानक नियमों को बदल कर 2009 में इटली की कंपनी फिंकइंटेरिया को कॉन्ट्रेक्ट दे दिया।
🦂 यह डील नौसेना के आईएनएस दीपक और आईएनएस शक्ति टैंकरों की थी,
🦂 वर्ष 2009 में सोनिया गांधी ने इटैलियन कम्पनी फिंकइंटेरिया से यह सौदा किया था,
🦂 दोनो नेवी टैंकरों में प्रयोग किये गए स्टील की गुणवत्ता आवश्यक मानकों से बहुत कमज़ोर थी,
🦂 फिंकइंटेरिया ने बेहद सस्ते और घटिया किस्म के स्टील से नेवी के इन दोनो टैंकरों का निर्माण किया,
🦂 परिणाम यह हुआ की इन टैंकरों की डिलीवरी के कुछ दिन बाद ही इनके हल में दरारें आ गयीं,
🦂 नेवी के एक अधिकारी ने इन दोनो टैंकरों में घटिया किस्म के स्टील इस्तेमाल किए जाने का मामला उठाते हुए साल 2009 में ही जांच की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन सत्ताधारी सोनिया गांधी की कांग्रेस ने मामला दबा दिया था।
🛑 इन टैंकरों की निर्माता इटैलियन कंपनी फिंकइंटेरिया पर आरोप हैं कि उसने हथियार बनाने वाले स्टील की जगह कमर्शियल ग्रेड के स्टील का इस्तेमाल किया. जबकि सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार ने इस बात की जानकारी होते हुए भी फिंकइंटेरिया को निर्माण की अनुमति दे दी,
🛑 वर्ष 2010 में CAG ने इस डील की अलोचना करते हुए सवाल खड़े किए थे, CAG ने सोनिया की कांग्रेस सरकार पर इटली की कंपनी को फेवर करने का आरोप लगाया था, और स्पष्ट लिखा था की सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार ने नेवी को घटिया स्तर के सस्ते स्टील से निर्मित टैंकर दिलवाए और इटैलियन कम्पनी फिंकइंटेरिया को "अनड्यू फेवर्स" दिए
🛑CAG ने ये भी पाया की सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार ने फिंकइंटेरिया को 6 मिलियन डॉलर के अतिरिक्त स्पेयर्स की प्रोवज़निंग भी की थी।
वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा पूर्व फ्लैग ऑफिसर कमांड इन चीफ वेस्टर्न नेवल कमांड उस समय सेवारत थे जब डील साइन हुई और उन्होंने बताया की जब यह नया नेवल टैंकर आईएनएस दीपक अटलांटिक के मध्य में था तो जहाज के कैप्टन ने उन्हें सूचित किया की नए टैंकर के हल में क्रैक्स आ रहे हैं, यह सूचना जहाज के क्रू और पूरी ऑप्रेशनल टीम के लिए चिंताजनक थी और उन्होंने तत्काल नेवल कमांड से सम्पर्क किया और जहाज को मार्ग बदलकर लिस्बन पुर्तगाल ले जाना पड़ा,
उस समय एडमिरल राज मेनन ने कहा था कि मैने आजतक कभी कमर्शियल स्टील से बने नेवल शिप को नहीं देखा, पूरी दुनिया में कहीं ऐसा नहीं होता जहां किसी नेवल जहाज की गुणवत्ता में समझौता होता हो
फिंकइंटेरिया ने भी स्वीकारा की उसने भारतीय नेवी के टैंकरों में जो DH-36 स्टील प्रयोग किया है वो DMR 249A स्टील से कहीं हल्का है, कई गुना कम मजबूत है, और दोनो ही प्रकार के स्टील में कहीं कोई तुलना नही हो सकती, और फिंकइंटेरिया ने यह भी स्पष्ट बताया की उसने तत्तकालीन सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार को भी ये सारी जानकारी पहले से बताई थी।
अब सोचिये जिस लुटेरे गांधी परिवार और घोटालेबाज कांग्रेस ने रक्षा सौदों में इस प्रकार के घोटाले किये और सेनाओं को दोयम स्तर के जहाज उपलब्ध करवाये, वही घोटालेबाज गांधी परिवार और मां-बेटा जो आज 5000 करोड़ के नेशनल हेराल्ड घोटाले में कोर्ट की जमानत पर हैं, भला सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद उनका राफाल पर फर्जी प्रश्न उठाना केवल कीचड़ उछालकर जनता को भृमित करने के सिवाय और क्या हो सकता है।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳
इस घोटाले में भी वहीं समानताएं हैं जो सोनिया गांधी के राज में हुए अन्य रक्षा घोटालों में हुआ करती थी,
यानी कि इटली-कनेक्शन,
🦂 जैसे बोफोर्स घोटाले का बिचौलिया इटैलियन ओट्टाविओ क्वात्रोची था,
🦂 अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में इटैलियन कंपनी शामिल थी,
आज मैं जिस नेवी टैंकर घोटाले की बात कर रहा हूं इसमें भी यही इटली कॉमन फैक्टर है, इस घोटाले में फिंकइंटेरिया नाम की इटालियन कंपनी शामिल है।
इस घोटाले में कांग्रेस सरकार की मालकिन सोनिया गांधी ने अन्य कम्पनियों की बिड्स को नजरअंदाज कर अपने देश इटली जहां की वो मूल निवासी हैं, की एक कंपनी फिंकइंटेरिया को विशेष वरीयता देते हुए नियमों कानूनों और नेवी की प्रमुख आवश्यकताओं को नजरअंदाज करते हुए इटैलियन कम्पनी फिंकइंटेरिया को नेवी के लिए 2 फ़लीट टैंकरों के निर्माण का ठेका दे दिया,
आपको बता दें की वर्ष 2006 में कांग्रेस सरकार ने टैंकरों के सौदे के लिए टेंडर जारी किया था, जिसके बाद रूस की रोसबोरोनोएक्सपोर्ट , कोरिया की ह्युंडे हैवी इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड और इटली की फिंकइंटेरिया कंपनी ने सौदे के लिए टेंडर भरा,
टेंडर के आवश्यक मानकों के अनुसार, सिर्फ रूस की कंपनी मिलिट्री ग्रेड(DMR 249A) वाले स्टील से टैंकर निर्माण के लिए तैयार थी,
आपको बता दें की मिलिट्री ग्रेड का DMR 249A स्टील साधारण कमर्शियल स्टील से 3 से 4 गुना महंगा होता है,
कहीं अधिक वजनी होता है, और कई गुना मजबूत भी होता है,
किन्तु सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार ने टेंडर के आवेदन आने के बाद अचानक नियमों को बदल कर 2009 में इटली की कंपनी फिंकइंटेरिया को कॉन्ट्रेक्ट दे दिया।
🦂 यह डील नौसेना के आईएनएस दीपक और आईएनएस शक्ति टैंकरों की थी,
🦂 वर्ष 2009 में सोनिया गांधी ने इटैलियन कम्पनी फिंकइंटेरिया से यह सौदा किया था,
🦂 दोनो नेवी टैंकरों में प्रयोग किये गए स्टील की गुणवत्ता आवश्यक मानकों से बहुत कमज़ोर थी,
🦂 फिंकइंटेरिया ने बेहद सस्ते और घटिया किस्म के स्टील से नेवी के इन दोनो टैंकरों का निर्माण किया,
🦂 परिणाम यह हुआ की इन टैंकरों की डिलीवरी के कुछ दिन बाद ही इनके हल में दरारें आ गयीं,
🦂 नेवी के एक अधिकारी ने इन दोनो टैंकरों में घटिया किस्म के स्टील इस्तेमाल किए जाने का मामला उठाते हुए साल 2009 में ही जांच की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन सत्ताधारी सोनिया गांधी की कांग्रेस ने मामला दबा दिया था।
🛑 इन टैंकरों की निर्माता इटैलियन कंपनी फिंकइंटेरिया पर आरोप हैं कि उसने हथियार बनाने वाले स्टील की जगह कमर्शियल ग्रेड के स्टील का इस्तेमाल किया. जबकि सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार ने इस बात की जानकारी होते हुए भी फिंकइंटेरिया को निर्माण की अनुमति दे दी,
🛑 वर्ष 2010 में CAG ने इस डील की अलोचना करते हुए सवाल खड़े किए थे, CAG ने सोनिया की कांग्रेस सरकार पर इटली की कंपनी को फेवर करने का आरोप लगाया था, और स्पष्ट लिखा था की सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार ने नेवी को घटिया स्तर के सस्ते स्टील से निर्मित टैंकर दिलवाए और इटैलियन कम्पनी फिंकइंटेरिया को "अनड्यू फेवर्स" दिए
🛑CAG ने ये भी पाया की सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार ने फिंकइंटेरिया को 6 मिलियन डॉलर के अतिरिक्त स्पेयर्स की प्रोवज़निंग भी की थी।
वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा पूर्व फ्लैग ऑफिसर कमांड इन चीफ वेस्टर्न नेवल कमांड उस समय सेवारत थे जब डील साइन हुई और उन्होंने बताया की जब यह नया नेवल टैंकर आईएनएस दीपक अटलांटिक के मध्य में था तो जहाज के कैप्टन ने उन्हें सूचित किया की नए टैंकर के हल में क्रैक्स आ रहे हैं, यह सूचना जहाज के क्रू और पूरी ऑप्रेशनल टीम के लिए चिंताजनक थी और उन्होंने तत्काल नेवल कमांड से सम्पर्क किया और जहाज को मार्ग बदलकर लिस्बन पुर्तगाल ले जाना पड़ा,
उस समय एडमिरल राज मेनन ने कहा था कि मैने आजतक कभी कमर्शियल स्टील से बने नेवल शिप को नहीं देखा, पूरी दुनिया में कहीं ऐसा नहीं होता जहां किसी नेवल जहाज की गुणवत्ता में समझौता होता हो
फिंकइंटेरिया ने भी स्वीकारा की उसने भारतीय नेवी के टैंकरों में जो DH-36 स्टील प्रयोग किया है वो DMR 249A स्टील से कहीं हल्का है, कई गुना कम मजबूत है, और दोनो ही प्रकार के स्टील में कहीं कोई तुलना नही हो सकती, और फिंकइंटेरिया ने यह भी स्पष्ट बताया की उसने तत्तकालीन सोनिया गांधी की कांग्रेस सरकार को भी ये सारी जानकारी पहले से बताई थी।
अब सोचिये जिस लुटेरे गांधी परिवार और घोटालेबाज कांग्रेस ने रक्षा सौदों में इस प्रकार के घोटाले किये और सेनाओं को दोयम स्तर के जहाज उपलब्ध करवाये, वही घोटालेबाज गांधी परिवार और मां-बेटा जो आज 5000 करोड़ के नेशनल हेराल्ड घोटाले में कोर्ट की जमानत पर हैं, भला सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद उनका राफाल पर फर्जी प्रश्न उठाना केवल कीचड़ उछालकर जनता को भृमित करने के सिवाय और क्या हो सकता है।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳
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