मैगी में जहरीला लेड होता है" यह बात स्वयं मैगी की निर्माता नेस्ले ने
सुप्रीमकोर्ट में स्वीकारी है, और कुतर्क दिया कि वो हानिकारक स्तर से बहुत
कम है,
जिसपर कोर्ट ने पूछा कि जब हमे पता है कि इसमें लेड जैसा जहरीला पदार्थ है तो भला हम उसे क्यों खाएं ? आखिर किसी खाद्य पदार्थ में किसी भी स्तर का कोई जहरीला पदार्थ हो ही क्यों ?
सरकार बनाम नेस्ले के इस केस में कोर्ट ने मैगी के विरुद्ध कार्यवाही पुनः आरंभ करने के निर्देश दिए हैं, सरकार को साधुवाद की उसने जनता के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है और इस गम्भीर विषय को अब तक सुप्रीम कोर्ट में परसु भी किया है, और यदि आज देश में भाजपा के बदले कांग्रेस सरकार होती तो अब तक उन्होंने बैक चैनल डील कर नेस्ले से माल वसूलकर उसे क्लीन चिट दे दी होती और देश के करोड़ों नागरिकों के स्वस्थ्य के संग समझौता कर दिया होता,
जिसपर कोर्ट ने पूछा कि जब हमे पता है कि इसमें लेड जैसा जहरीला पदार्थ है तो भला हम उसे क्यों खाएं ? आखिर किसी खाद्य पदार्थ में किसी भी स्तर का कोई जहरीला पदार्थ हो ही क्यों ?
सरकार बनाम नेस्ले के इस केस में कोर्ट ने मैगी के विरुद्ध कार्यवाही पुनः आरंभ करने के निर्देश दिए हैं, सरकार को साधुवाद की उसने जनता के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है और इस गम्भीर विषय को अब तक सुप्रीम कोर्ट में परसु भी किया है, और यदि आज देश में भाजपा के बदले कांग्रेस सरकार होती तो अब तक उन्होंने बैक चैनल डील कर नेस्ले से माल वसूलकर उसे क्लीन चिट दे दी होती और देश के करोड़ों नागरिकों के स्वस्थ्य के संग समझौता कर दिया होता,
वैसे यह बात तो हम सब स्वीकारेंगे की अधिकांश भारतीय घरों में मैगी सबसे
कॉमन स्नैक के रूप में इस्तेमाल होती है, और हम भी कोई अपवाद नहीं हैं,
अधिकांश कामकाजी व्यक्ति मैगी इसलिए स्नैक के रुप में प्रयोग करते हैं क्योंकि मैगी बनाना सरल है, जल्दी बन भी जाती है, स्वाद भी ठीक होता है, कही बाहर भी जाना नही पड़ता तो समय बच जाता है ,और सस्ती भी होती है,
किन्तु अब जब स्वयं मैगी की निर्माता नेस्ले ने स्वीकार किया है कि मैगी में जहरीला लेड होता है, तो यह वास्तव मे सोचने का विषय है कि क्या बस अपनी सहूलियत भर के लिए अपने स्वास्थ्य से समझौता कर ऐसा स्नैक हमें व् हमारे परिजनों को कंज़्यूम करते रहना चाहिए ?
आखिर सहूलियत, स्वाद और सस्ता भर होने से जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पक्ष स्वास्थ्य से समझौता तो नही किया जा सकता,
सोच लिया है कि अबसे स्नैक्स के रूप में अन्य विकल्प चुनूँगा जैसे बाटी चोखा, इडली, डोसा, छोले भटूरे, भेलपुरी, सेवपुरी, छोला समोसा, कटलेट या अन्य कुछ,
भले आने जाने में थोड़ा समय अधिक जाए किन्तु सब कुछ जानते हुए भी स्वास्थ्य से खिलवाड़ तो नहीं कर सकता।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳
अधिकांश कामकाजी व्यक्ति मैगी इसलिए स्नैक के रुप में प्रयोग करते हैं क्योंकि मैगी बनाना सरल है, जल्दी बन भी जाती है, स्वाद भी ठीक होता है, कही बाहर भी जाना नही पड़ता तो समय बच जाता है ,और सस्ती भी होती है,
किन्तु अब जब स्वयं मैगी की निर्माता नेस्ले ने स्वीकार किया है कि मैगी में जहरीला लेड होता है, तो यह वास्तव मे सोचने का विषय है कि क्या बस अपनी सहूलियत भर के लिए अपने स्वास्थ्य से समझौता कर ऐसा स्नैक हमें व् हमारे परिजनों को कंज़्यूम करते रहना चाहिए ?
आखिर सहूलियत, स्वाद और सस्ता भर होने से जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पक्ष स्वास्थ्य से समझौता तो नही किया जा सकता,
सोच लिया है कि अबसे स्नैक्स के रूप में अन्य विकल्प चुनूँगा जैसे बाटी चोखा, इडली, डोसा, छोले भटूरे, भेलपुरी, सेवपुरी, छोला समोसा, कटलेट या अन्य कुछ,
भले आने जाने में थोड़ा समय अधिक जाए किन्तु सब कुछ जानते हुए भी स्वास्थ्य से खिलवाड़ तो नहीं कर सकता।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳
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