Friday, December 28, 2018

कांग्रेस और अभिव्यक्ति की आज़ादी

कांग्रेस के शीर्ष नेता सार्वजनिक वक्तव्यों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उपदेश देते मिल जाते हैं, किंतु कांग्रेस का वास्तविक कल्चर यह है कि जो कुछ उनके पक्ष में नहीं है उसे या तो दबा दो या प्रतिबंधित कर दो,
फिलहाल एक मूवी आ रही है "एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर" नामक, जिसमें कांग्रेस के 2004-2014 के शासनकाल में "ईमानदार" प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दर्शाया गया है, वही "ईमानदार" मनमोहन सिंह जिनके कार्यकाल में देश में सबसे अधिक व् विश्व के सबसे बड़े घोटाले हुए और मनमोहन सिंह चुपचाप अपने राजनीतिक आकाओ को लूट में पूर्ण सहयोग करते रहे और जनता का धन व् देश का खजाना लुटवाते रहे,
उस काल खंड में मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की लिखी किताब एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर पर यह फ़िल्म बनी है, और कांग्रेस इस फ़िल्म को प्रतिबंधित करवाने तथा इसका प्रदर्शन रुकवाने हेतु कमर कस चुकी है,

ट्रेलर देख कर यह स्पष्ट हो जाता है कि यह फ़िल्म मनमोहन सिंह का चित्रण एक बेबस दीन-हीन व्यक्ति के रूप में करती है और कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्षा सोनिया गांधी को सुपर पीएम के रूप में दर्शाती है इसीलिए कांग्रेस नही चाहती कि यह फ़िल्म रिलीज़ हो,
वैसे किताबों व् फिल्मों को प्रतिबंधित करने का कांग्रेसी चलन जवाहरलाल नेहरू के समय का है, हमने कुछ समय पुर्व एक विस्तृत लेख तथ्यों सहित लिखा था की किस प्रकार कांग्रेस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन करती आ रही हैं,
आप चाहें तो इसे पढ़कर अनुमान लगा सकते हैं कि कांग्रेस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कितना महत्व देती है।
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🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳

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