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सोहराबुद्दीन मामले में अदालत का कहना है कि मुठभेड़ की जांच पहले से सोचे
समझे गए एक सिद्धांत के साथ कई राजनीतिक नेताओं को फंसाने के मकसद से की
गई थी।
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विशेष सीबीआई न्यायाधीश एसजे शर्मा ने 21 दिसंबर को मामले में 22 आरोपियों
को बरी करते हुए 350 पृष्ठों वाले फैसले में यह टिप्पणी की। अपने आदेश में
न्यायाधीश शर्मा ने कहा कि जांच राजनीति से प्रेरित थी।
वर्तमान राजनीति में एक ट्रेंड चल रहा है जिसमें जब भी किसी अपराधिक मुकदमे में किसी नेता पर कार्यवाही होती है तो उसकी पार्टी सत्ताधारी दल भाजपा पर बदले की भावना से की गई कार्यवाही का आरोप मढ़कर अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास करती है और वह नेता भी अपने आप को भाजपा की दुर्भावना से प्रेरित राजनीति का विक्टिम दिखाने का कुत्सित प्रयास करने लगता है,
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वर्तमान राजनीति में एक ट्रेंड चल रहा है जिसमें जब भी किसी अपराधिक मुकदमे में किसी नेता पर कार्यवाही होती है तो उसकी पार्टी सत्ताधारी दल भाजपा पर बदले की भावना से की गई कार्यवाही का आरोप मढ़कर अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास करती है और वह नेता भी अपने आप को भाजपा की दुर्भावना से प्रेरित राजनीति का विक्टिम दिखाने का कुत्सित प्रयास करने लगता है,
यह ट्रेंड हमने लालू यादव, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, कार्ति चिदंबरम, पी
चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी व् कई अन्य नेताओं के केस में देखा, और इनकी
पार्टियों ने जांच एजेंसियों व् कोर्ट पर सरकारी दबाव में काम करने का झूठा
आरोप लगा दिया और देश की जनता को भ्रमित करने का पूरा प्रयास किया।
जबकि वास्तविकता यह है कि सीबीआई, आईबी, ईडी, एनआईए को कोंग्रेस ने अपने विरोधियों को निपटाने का हथियार बना रखा था, औऱ कोर्ट तक ने सीबीआई को "पिंजरे का तोता" की उपाधि दी थी, कांग्रेस के ही आदेश पर इशरत जहां और सोहराबुद्दीन जैसे जेन्युइन एनकाउंटरओं को फर्जी घोषित किया गया, समझौता एक्सप्रेस व मक्का मस्जिद में धमाके करने वाले इस्लामिक आतंकियों को छोड़कर निर्दोष हिंदुओं को फंसाया गया और निर्दोष लोगों को वर्षों तक जेल में डालकर अमानवीय यातनाएं दी गई, उन पर दबाव बनाया गया भाजपा नेताओं पर झूठे आरोप लगाने हेतु,
कर्नल पुरोहित, असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, डीजी बंजारा के बयानों से यह बात उजागर होती है,
अब सोहराबुद्दीन केस में अदालत का जो निर्णय आया है वह प्रमाणित करता है कि कांग्रेस सत्ता का दुरुपयोग कर अपने विरोधियों को फसाने हेतु उन पर झूठे केस दर्ज करवाती थी, निर्दोष लोगों को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जेलों में सढ़ाती थी और सिर्फ अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करने के लिए कांग्रेस ने अपने शासनकाल में कई निर्दोषों के जीवन तबाह कर दिए और कईयों का करियर नष्ट कर दिया, 1947 से आजतक कांग्रेस यही कुकर्म व् घटिया राजनीति करती आई है, और अब समय आ चुका है कि जनता इस कांग्रेस का भयानक चरित्र वह चेहरा पहचान ले।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳
जबकि वास्तविकता यह है कि सीबीआई, आईबी, ईडी, एनआईए को कोंग्रेस ने अपने विरोधियों को निपटाने का हथियार बना रखा था, औऱ कोर्ट तक ने सीबीआई को "पिंजरे का तोता" की उपाधि दी थी, कांग्रेस के ही आदेश पर इशरत जहां और सोहराबुद्दीन जैसे जेन्युइन एनकाउंटरओं को फर्जी घोषित किया गया, समझौता एक्सप्रेस व मक्का मस्जिद में धमाके करने वाले इस्लामिक आतंकियों को छोड़कर निर्दोष हिंदुओं को फंसाया गया और निर्दोष लोगों को वर्षों तक जेल में डालकर अमानवीय यातनाएं दी गई, उन पर दबाव बनाया गया भाजपा नेताओं पर झूठे आरोप लगाने हेतु,
कर्नल पुरोहित, असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, डीजी बंजारा के बयानों से यह बात उजागर होती है,
अब सोहराबुद्दीन केस में अदालत का जो निर्णय आया है वह प्रमाणित करता है कि कांग्रेस सत्ता का दुरुपयोग कर अपने विरोधियों को फसाने हेतु उन पर झूठे केस दर्ज करवाती थी, निर्दोष लोगों को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जेलों में सढ़ाती थी और सिर्फ अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करने के लिए कांग्रेस ने अपने शासनकाल में कई निर्दोषों के जीवन तबाह कर दिए और कईयों का करियर नष्ट कर दिया, 1947 से आजतक कांग्रेस यही कुकर्म व् घटिया राजनीति करती आई है, और अब समय आ चुका है कि जनता इस कांग्रेस का भयानक चरित्र वह चेहरा पहचान ले।
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳
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