Tuesday, January 1, 2019

सबरीमाला की ८०० वर्ष प्राचीन परंपरा तोड़ने पर अड़ा क्रिस्लामो-कॉमि गिरोह

इस तस्वीर में
क्रिस्लामो-कॉमियों का गिरोह हिंदू महिलाओं को सबरीमाला में एंट्री दिलवाने के लिए सड़क पर उतरा है,
यह केरल की वामपन्थी सरकार का जवाब है उन 8 लाख हिन्दू अयप्पा भक्तों को जिसमें अधिकांश हिन्दू महिलाएं थीं, जिन्होंने अयप्पा ज्योति हाथों में लेकर मन्दिर परंपरा की रक्षा हेतु 600 किमी लंबी कतार में खड़े होकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था,
जिसके बाद अभिव्यक्ति और विरोध करने की स्वतंत्रता की बीन बजाने वाले इन्ही वामपंथयों की केरल सरकार ने 1400 हिन्दू अयप्पा भक्तों के विरुद्ध मुकदमे लाद दिए और अब केरल सरकार ने राज्य की सभी महिला कर्मचारियों, ईसाई संगठनों और मुस्लिम संगठनों को एकत्र कर उन्हें बकायदा फंड कर इस नौटंकी का आयोजन किया है,
अब विचार कीजिये कि भला :
🌀 जो वामपंथी किसी धर्म को नही मानते और मजहब को अफीम कहते हैं,
🌀 वो मुस्लिम जो नमाज में कहते है कि अल्लाह के अलावा और कोई भगवान नही है,
🌀 और वो ईसाई जो हिंदू धर्म मे आस्था ही नहीं रखते,
भला इन लोगों को भगवान अयप्पा में अचानक से आस्था और उनके दर्शन में रुचि कैसे पैदा हो गयी ?
क्या कारण है कि हिन्दू धर्म के प्रति तिरस्कार का भाव रखने वाले ये लोग आज उसी हिन्दू धर्म के एक मन्दिर में प्रवेश हेतु इतने आतुर हैं कि उस मंदिर की प्राचीन परंपरा को ही भंग करने पर आमादा हो उठे हैं ?
भगवान अयप्पा में आस्था रखने वाली हिंदू महिलाएं स्वयं सबरीमाला मन्दिर में एंट्री नही चाहती हैं, फिर आज ये विधर्मी महिलाएं क्यों बेगानी शादी में फातिमा दीवानी बनी फिर रही हैं ?
सोंचिये आज ये महिला सशक्तिकरण और जेंडर इक्वलिटी की दुहाई देने वाले अडम्बरकारी लोगो में से :
🌀 कितने लोग हैं जो मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं को एंट्री दिलवाने के लिए निकलकर सड़क पर आए ?
🌀 केरल राज में ही स्थित मालंकारा चर्च के इनर सैन्कटम में महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है, आखिर इस क्रिस्लामोकॉमि गैंग ने वहां महिलाओं की एंट्री के लिए क्यों ऐसे प्रदर्शन नही किये ?
अब इन स्थानों पर क्रिस्लामोकॉमियों की जेंडर एकवैलिटी की बकैती कहाँ चली जाती है ? और वो बकैती जागृत केवल हिन्दू धर्म के विरुद्ध ही क्यों होती हैं ?
वस्त्वविक्ता यह है कि इस पूरे क्रिस्लामोकॉमि गैंग का उद्देश्य ही हिन्दू धर्म, हिंदू संस्कृति, हिन्दू विरासत और हिंदू परम्पराओं को छिन्न-भिन्न करना है, और यह सब आज भी उसी प्रयास में लगे हुए है, और यह बखेड़ा भी इन क्रिस्लामोकॉमियों के उसी विषाक्त एजेंडा का एक हिस्सा है,
🇮🇳Rohan Sharma🇮🇳

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